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कुत्तों की नसबंदी करके शहर को पपी-फ्री जोन बना रहा है यह संगठन, कम हो रहे हैं कुत्ते के काटने के मामले

टाईसिटी में एक संगठन, Peedu’s People, पिछले काफी समय से कुत्तों की नसबंदी करने और लोगों को कुत्तों के प्रति जागरूक करने का काम कर रहा है. उनका उद्देश्य शहर को पपी-फ्री जोन बनाना और कुत्ते के काटने की समस्या कम से कम करना है.

Creating awareness towards dogs (Photo: Facebook/Peedu's People) Creating awareness towards dogs (Photo: Facebook/Peedu's People)
हाइलाइट्स
  • जिला पशु कल्याण अधिकारी इंदर संधू चला रही हैं NGO

  • शहर को पपी-फ्री जोन बना रहा है यह संगठन

चंडीगढ़ के उत्तरी क्षेत्रों को 'पपी-फ्री जोन' बनाने के बाद, एक नॉन प्रॉफिट संगठन, पीडूज पीपल, अब एक बार फिर अधिकारियों और लोगों के साथ मिलकर शहर के सेक्टर 37 में आवारा कुत्तों की आबादी को रोकने के लिए काम कर रहा है. यह एनजीओ, मानव-पशु संघर्ष (Human-Animal Conflict) को हल करने और कुत्ते के काटने के मामलों को कम करने के लिए ट्राइसिटी में काम कर रहा है.  

इस संगठन ने पहले ही चंडीगढ़ गोल्फ क्लब, सेक्टर 2, 3, 4 और 5 और आईआईएसईआर, मोहाली को सभी वयस्क कुत्तों की नसबंदी करके 'पपी-फ्री जोन' बना दिया था.

इस तरह बच सकते हैं कुत्ते के काटने से 
इस NGO को जिला पशु कल्याण अधिकारी इंदर संधू चला रही हैं. उनका कहना है कि कुत्ते के काटने की समस्या को तीन चीजों से हल किया जा सकता है- एक सेक्टर या क्षेत्र में प्रत्येक कुत्ते का 100% टीकाकरण और नसबंदी; नागरिकों और बच्चों में आवारा जानवरों से निपटने के तरीके के बारे में जागरूकता और अधिकारियों के माध्यम से सभी पशु क्रूरता कानूनों और शहर के उपनियमों को लागू करना. 

उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि क्षेत्र को पपी-फ्री बनाने के लिए bs पहले आवारा कुत्तों की आबादी का सर्वेक्षण करते हैं और फिर सभी वयस्क कुत्तों की नसबंदी करते हैं. वे लगातार निगरानी भी करते हैं ताकि अगर कोई और कुत्ता सेक्टर में आता हा तो उसकी भी नसबंदी की जाए. 

कुत्तों को देते हैं खास कॉलर 
एनजीओ को सेक्टर 37 में प्रोजेक्ट पूरा करने में लगभग छह महीने लग गए. कुल मिलाकर, सेक्टर में 36 कुत्ते और सात पिल्ले थे और 43 सर्जरी की गई थी. इन कुत्तों को संगठन ने विशेष कॉलर भी दिया और उनके कान पर मार्किंग की. संगठन क्षेत्र में आने वाले किसी भी नए कुत्ते पर भी नजर रखता है. 

इस परियोजना को 2020 में चंडीगढ़ गोल्फ क्लब में शुरू किया गया था और 2021 में सेक्टर 5 में काम किया था. हालांकि, शहर के पूरे उत्तरी हिस्से को इस साल फरवरी में पपी-फ्री जोन घोषित किया गया था.